1.नीम करोली आश्रम की महिमा
नीम करौली आश्रम एक ऐसा स्थल है जहां लोग अपनी तकदीर को बदलने और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आते हैं। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति लोगों को अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करती है।
विराट कोहली जैसे महान क्रिकेटर ने भी अपने जीवन में संघर्ष के दौरान नीम करौली आश्रम में समय बिताया था और वहां से सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त की थी। इसके अलावा, स्टीव जॉब्स, मार्क ज़ुकरबर्ग, और जूलिया रॉबर्ट्स जैसी विश्व-प्रसिद्ध हस्तियों ने भी अपने जीवन में कभी न कभी नीम करौली बाबा के आश्रम में समय बिताया है और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया है।
यहां कुछ अन्य बातें हैं जो नीम करौली आश्रम की महिमा को दर्शाती हैं:
– यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा लोगों को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करती है।
– यहां की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करती है।
– यहां के संत और गुरु लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
– यहां की परंपरा और संस्कृति लोगों को अपने जीवन में अध्यात्मिक मूल्यों को विकसित करने में मदद करती है।
कुल मिलाकर, नीम करौली आश्रम एक ऐसा स्थल है जहां लोग अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने और अपने आत्मिक जीवन को विकसित करने के लिए आते हैं। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति लोगों को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करती है।
2.कौन कौन आ चूका हे नीम करोली आश्रम ?
नीम करोली आश्रम आने के बाद ही स्टीव जॉब्स ने अपने एप्पल कंपनी बनाया को नई ऊंचाई पर पोहचाया। स्टीव जॉब्स ने अपनी कंपनी का लोगो(LOGO) नीम करोली आश्रम में ही बैठ कर सोचा था। जब मार्क ज़ुकरबर्क का फेसबुक बंद होने की कगार पर था तब उन्हें स्टीव जॉब्स ने नीम करोली आश्रम आने की और थोड़े दिन रुकने की सलाह दी थी, और जब मार्क ज़ुकरबर्क नीम करोली आश्रम में अपनी जीवन के कुछ एहम दिन बिताये और जब मार्क ज़ुकरबर्क फिर से अपने घर वापिस गए तो वह कुछ अलग ही सकारात्मक ऊर्जा लेके गए थे। मार्क ज़ुकरबर्क उसके बाद फेसबुक के साथ साथ और भी सोशल मीडिया के दुनिया पर राज करने लगे। मार्क ज़ुकरबर्क आपने इस कामियाबी का सारा श्रेय नीम करोली आश्रम और नीम करोली बाबा को देते। हॉलीबुड की कामियाब अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स भी आपने संघर्ष के दिनों में नीम करोली आश्रम आये थे।
विराट कोहली की कहानी वास्तव में बहुत प्रेरणादायक है! उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। जब उनका क्रिकेट करियर संघर्ष से भर गया था, तब उन्होंने नीम करौली आश्रम में शांति और सकारात्मकता पाने के लिए समय बिताया। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति ने उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद की।
विराट कोहली की कहानी हमें यह सिखाती है कि जब हम अपने जीवन में संघर्ष का सामना कर रहे हों, तो हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। हमें अपने जीवन में शांति और सकारात्मकता पाने के लिए समय निकालना चाहिए, ताकि हम अपने जीवन को बेहतर बना सकें। नीम करौली आश्रम जैसे स्थल हमें अपने जीवन में शांति और सकारात्मकता पाने में मदद कर सकते हैं।
नीम करोली बाबा वास्तव में एक महान गुरु और संत थे, जिन्होंने अपने जीवन में भगवान श्री राम जी और हनुमान जी की आराधना की। उन्हें कलयुग के अवतार पुरुष माना जाता है और उन्हें हनुमान जी का दर्जा दिया जाता है।
नीम करोली बाबा की सिद्धियां और शक्तियां बहुत प्रसिद्ध हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी शक्तियों का अनुचित उपयोग नहीं किया। उन्होंने हनुमान जी के 108 मंदिर बनवाए और अपने जीवन में एक सामान्य इंसान की तरह व्यतीत किया।
नीम करोली बाबा की महानता और आध्यात्मिक ज्ञान को देखते हुए, उन्हें आज भी लोग पूजते हैं और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हैं। उनकी शिक्षाएं और जीवनी हमें यह सिखाती हैं कि हमें अपने जीवन में साधारणता और सहजता को बनाए रखना चाहिए, और हमें कभी भी अपनी शक्तियों का अनुचित उपयोग नहीं करना चाहिए।
नीम करोली बाबा का व्यक्तित्व और महानता का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते है, की नीम करोली बाबा के पास रोज हजारो भक्त आते होनी आप बीती सुनते।बाबा उनकी समस्या संतो और उन्हें हौसला देते उनकी समस्या का समाधान भी निकल देते। लेकिन जब भी भक्त नीम करोली बाबा के पास आते। और पैर को छूने की कोशिश करते , बाबा बड़े प्यार से उन्हें रोक लेते और श्री हनुमान जी के चरणों के पास भेज देते।
नीम करोली बाबा और उनका आश्रम दोनों बहूत ही रहस्यमई और चमकारी थे। नीम करोली बाबा के इन चमत्कारों की तो पूरी दुनिया लोहा मानती है। बाबा के भक्तो की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।नीम करोली बाबा के दर्शन के लिए रोज लाखो श्रद्धालु आते है।नीम करोली बाबा के आश्रम में भारत के पंतप्रधान श्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी भी आ चुके है, कुछ दिनों पहले सोशल मिडिया पर नीम करोली आश्रम बहुत चर्चा में था।इसका मुख्य कारण था भारत के भारत के बड़े क्रिकेटर विराट कोहली का इस मंदिर में आना और यहाँ अपना समय देना।इसके बाद भारत के सबसे चहिते और लोक प्रिय पंतप्रधान श्री नरेंद्र दामोदर मोदी भी यहाँ माथा टेकने आये थे ।
नीम करोली आश्रम की लोक प्रियता सिर्फ भारत के अंडर नहीं बल्कि और भी कई अनेक देशो में है , नीम करोली आश्रम में स्टीव जॉब्स , मार्क जुकरबर्ग , जूलियाना रॉबर्डस जैसे कई बड़े बड़े नाम शामिल है।
3.नीम करोली बाबा
नीम करोली बाबा की जीवनी वास्तव में बहुत प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपने जीवन को भगवान की सेवा और साधना के लिए समर्पित किया और अपने जीवन को साधारणता और सहजता के साथ व्यतीत किया।
नीम करोली बाबा ने शादी के बाद 1958 में अपने घर छोड़ दिया और उत्तर भारत में संत की तरह अपना जीवन यापन करने लगे। उन्हें कई और नामों से भी जाना जाता था, जैसे कि हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा, और तलईया बाबा।
नीम करोली बाबा की यात्रा और तपस्या के दौरान, उन्होंने कई स्थानों पर अपने जीवन को व्यतीत किया और लोगों को अपने ज्ञान और अनुभव से प्रभावित किया। उनकी शिक्षाएं और जीवनी हमें यह सिखाती हैं कि हमें अपने जीवन में साधारणता और सहजता को बनाए रखना चाहिए और हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।
उन्हें महज 17 साल की उम्र में ही ज्ञान प्राप्त हो गया था, जो कि एक बहुत ही कम उम्र में था। इसके बाद, उन्होंने भुवाली से करीब 7 किलोमीटर दूर एक आश्रम स्थापित किया, जहां उन्होंने अपने जीवन को साधना और सेवा के लिए समर्पित किया।
नीम करोली बाबा का आश्रम, जिसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1964 में हुई थी। यह आश्रम भारत में एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जहां लोग अपने जीवन में शांति और सकारात्मकता पाने के लिए आते हैं।
नीम करोली बाबा के चमत्कारों की चर्चा सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है। उन्हें अपने जीवन में कई सिद्धियां और शक्तियां प्राप्त थीं, जिनका उपयोग उन्होंने लोगों की सेवा और साधना के लिए किया।
4.कैंची धाम ( नीम करोली आश्रम )
उत्तराखंड में स्थित नीम करोली बाबा के कैंची धाम में जून महीने में वार्षिक समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तों की खूब भीड़ लगती है। यह समारोह नीम करोली बाबा की याद में आयोजित किया जाता है और इसमें लोग उनकी शिक्षाओं और जीवन के बारे में जानने के लिए आते हैं।
कैंची धाम में भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं, जो नीम करोली बाबा की शिक्षाओं से प्रभावित होते हैं। यह समारोह एक ऐसा अवसर है, जब लोग एक साथ आते हैं और नीम करोली बाबा की शिक्षाओं को याद करते हैं।
इस समारोह में लोग नीम करोली बाबा की याद में पूजा-पाठ करते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और उनकी शिक्षाओं को सुनते हैं। यह समारोह एक ऐसा अवसर है, जब लोग अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित होते हैं।
कैंची धाम में कई प्रसिद्ध लोगों ने दर्शन किया है, जिनमें हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स शामिल हैं। इसके अलावा, पीएम नरेंद्र मोदी और विराट कोहली जैसी बड़ी हस्तियों ने भी यहां दर्शन किया है। लोगों का कहना है कि यहां उन्होंने अपने अंदर कुछ नए बदलाव और सकारात्मक ऊर्जा को अनुभव किया है।
5.नीम करोली बाबा के चमत्कार की कथा
आपके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नीम करोली आश्रम कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल शहर के पास स्थित है, जो एक सुंदर और शांत स्थल है। यहां पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग, हवाई मार्ग, या रेल मार्ग से आ सकते हैं।
सड़क मार्ग से आने के लिए, दिल्ली से नैनीताल की दूरी लगभग 324 किलोमीटर है, और आगे का सफर भी सड़क मार्ग से किया जा सकता है। नैनीताल से 17 किमी दूर कैंची धाम नाम की जगह है, जहां आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग से आने के लिए, कैंची धाम से सबसे करीब 70 किमी दूर पंतनगर हवाई अड्डा है, जो दिल्ली हवाई अड्डे से जुड़ा है। यहां से आप टैक्सी या बस से नीम करोली आश्रम जा सकते हैं।
रेल मार्ग से आने के लिए, निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जिसके लिए आप कई सारे रेलवे स्टेशन से ट्रेन मिल जाएगी। काठगोदाम से 38 किलोमीटर दूर नीम करोली आश्रम है, जहां से आप टैक्सी या बस से जा सकते हैं।
7.कब और कहां हुई मृत्यु ?
नीम करोली बाबा की मृत्यु 11 सितंबर 1973 को वृंदावन स्थित उनके आश्रम में हुई थी। उनकी मृत्यु के समय, उनकी तबीयत अचानक से खराब हो गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन मास्क लगाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इसे लगाने से मना कर दिया।
उन्होंने अपने भक्तों से कहा कि अब उनके जाने का समय आ गया है और उन्होंने तुलसी और गंगाजल ग्रहण कर अपना शरीर त्याग दिया। उनकी मृत्यु रात के करीब 1:15 पर हुई थी।
नीम करोली बाबा की मृत्यु के बाद, उनके भक्तों और अनुयायियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्हें एक महान संत और आध्यात्मिक गुरु के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने अपने जीवन में कई लोगों को प्रभावित किया और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।